RESERVATION IN RTET- HIGH COURT

हाईकोर्ट ने आरटेट (राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा) मामले में न्यूनतम अर्हता 60 प्रतिशत से कम अंक वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को आरटेट प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक हटा दी है। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार इन अभ्यर्थियों को न्यूनतम प्राप्तांक में रियायत के तौर पर छूट देने के लिए सक्षम है और इसमें किन्हीं के संवैधानिक अधिकारों का हनन नहीं हुआ है। मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश बेला एम.त्रिवेदी की खंडपीठ ने यह आदेश शुक्रवार को राज्य सरकार की विशेष अपील याचिका को निस्तारित करते हुए दिया। अदालत ने कहा कि मामले को सुनने का क्षेत्राधिकार खंडपीठ को है और राज्य सरकार द्वारा इस श्रेणी को जारी आरटेट प्रमाणपत्र इस मामले में दायर याचिका के निर्णय के अधीन रहेंगे।

गौरतलब है कि अदालत ने दुर्गादास व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 26 सितंबर को आरक्षित वर्ग के साठ प्रतिशत से कम अंक वाले अभ्यर्थियों को आरटेट प्रमाण पत्र जारी करने पर अंतरिम रोक लगाई थी और 8 दिसंबर के अंतरिम आदेश से रोक स्थायी की थी। अंतरिम आदेश को सरकार ने चुनौती दी थी।
सरकार की दलील
एकलपीठ के अंतरिम आदेश को सरकार ने खंडपीठ में चुनौती दी। सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता एन.ए. नकवी ने अदालत में कहा कि यह नोटिफिकेशन से जुड़ा मामला है और इसे एकलपीठ को सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है और खंडपीठ ही मामले को सुन सकती है। उन्होंने कहा कि आरटीई एक्ट 09 की धारा 23 के तहत छूट दी जा सकती है और आरटेट के दिशा निर्देश के पैरा 9 में भी सरकार आरक्षित वर्ग व अन्य को रियायत के तौर पर छूट दे सकती है।

किस वर्ग को कितनी छूट
(टेट में न्यूनतम प्राप्तांक 60 फीसदी)


सामान्य वर्ग के पुरुष कोई छूट नहीं
सामान्य वर्ग की महिला 10%
एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के पुरुष 10%
एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग की महिला 15%
निशक्तजन व पूर्व सैनिक 20%
शिक्षक भर्तियों का रास्ता खुला : बृजकिशोर
शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा ने कहा कि इस आदेश से शिक्षक भर्ती का रास्ता खुलेगा। मार्च-अप्रैल तक 41,000 तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती का काम पूरा कर लिया जाएगा।

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