HTET/STET PASS TO FILE PETITION IN SUPREME COURT AGAINST DECISION OF HIGH COURT



हिसार| शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चार साल के अनुभव की छूट का फैसला उम्मीदवारों के दो धड़ों में विवाद का कारण बन गया है। विशेष रूप से हाई कोर्ट के फैसले से पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवार काफी आहत हैं। पात्र अध्यापक संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। हरियाणा स्कूलअध्यापक चयन बोर्ड ने पीजीटी और पीआरटी भर्ती प्रक्रिया मेंपात्रता परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के साथ चार वर्ष का अनुभव वाले शिक्षकोंको भी भर्ती में मौका दिया था। सरकार के इस निर्णय के पीछे अतिथि अध्यापकों के साथ साथ उन अध्यापकों को सीधा लाभ होगा, जो निजी या एडिड स्कूलों में अध्यापन करा रहे हैं। लेकिन पात्रतापरीक्षा पास उम्मीदवारों का तर्क था कि चार साल के अनुभव वाले शिक्षकों की वजह से ही प्रदेश के हजारों पात्र अध्यापक शॉर्टलिस्टिंग से प्रभावित होकरभर्ती प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे। इसलिएउन्होंने सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका डाली थी। हालांकि हाईकोर्ट में याचिका डालने के बाद चीफ जस्टिस एके सीकरी की खंड पीठ ने शॉर्ट लिस्टिंग से प्रभावित पात्र अध्यापकों के अस्थाई तौर पर साक्षात्कार लेने के आदेश दिए थे। गत दिवस आए एक अन्य फैसले के बाद ये अस्थाई साक्षात्कार भी रद्द कर दिए गए हैं। इससे पात्र अध्यापकों मेंभारी रोष है। फिर किस काम की पात्रता परीक्षा विभागीय सूत्रों की मानें तो भर्ती बोर्ड की पीजीटी भर्ती प्रक्रिया मेंहिंदी, इतिहास, राजनीतिक विज्ञान व कॉमर्स विषय में शॉर्ट लिस्टिंग की थी। इन विषयों के लिए चार वर्ष के अनुभव वाले करीब सात हजार शिक्षकोंने आवेदन किया था। लेकिन बोर्ड की ओर से जारी की गई शॉर्ट लिस्ट में पांच हजार से अधिक पात्र अध्यापक बाहर हो गए। हालांकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ((एनसीटीई)) ने सरकार को पत्र लिखकर भर्ती प्रक्रिया मेंकिसी भी प्रकार की छूट ना देने का आदेश दिया था, लेकिन फिर भी पीजीटी के साथ साथ पीआरटी भर्ती प्रक्रिया मेंभी इन आदेशों को दरकिनार कर दिया गया। पात्र अध्यापकों का कहना है कि अगर चार वर्ष अनुभव वाले अध्यापकों को छूट ही देनी थी तो पात्रता परीक्षा लेने के पीछे क्या औचित्य रह गया है

पात्र अध्यापक संघ अपने अधिकारों के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेगा। इस पर अंतिम निर्णय 26 दिसंबर को होने वाली बैठक में लिया जाएगा। इस बैठक को संघ की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना सुहासिनी संबोधित करेंगी। संघ के जिला प्रधान नानक चंद ने बताया कि बैठक में माननीय उच्च न्यायालय ने जो फैसला हाल ही में दिया है उससे स्कूल प्रवक्ता श्रेणी में जो लोग चयन सूचीसे बाहर हो गए है उनके साथ न्याय नहीं हुआ। इसलिए 26 दिसंबर की बैठक में उच्च न्यायालय के इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौति देने पर विचार विमर्श होगा। प्रवक्ता श्रेणी में शार्ट लिस्ट से प्रभावित पात्र अध्यापकों को न्याय दिलवाने और 4 साल के अनुभव आधार पर पात्रता में छूट को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। टीजीटी की भर्ती हेतु सरकार पर दबाव बनाया जाएगा और एक रणनीति तैयार की जाएगी ताकि भर्ती जल्दी खुल सके।

।- SOURCE NEWS PAPERS

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1 comments: on "HTET/STET PASS TO FILE PETITION IN SUPREME COURT AGAINST DECISION OF HIGH COURT"

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