हरियाणा में पीटीआई की भर्ती कैंसल
प्रमुख संवाददाता ॥ चंडीगढ़
हरियाणा में 1983 फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स (पीटीआई) की भर्ती रद्द कर दी गई है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं। जस्टिस ए. जी. मसीह की बैंच ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को निर्देश दिया कि कानून के मुताबिक, 5 महीने में नए सिरे से भर्ती का प्रोसेस शुरू किया जाए।
उल्लेखनीय है कि इस सिलसिले में कुल 68 याचिकाएं दायर हुई थीं। याचिकाओं में कहा गया कि 20 जुलाई 2006 को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने कुल 1983 पीटीआई की भर्ती के लिए एप्लीकेशन मांगी थी, 21 अगस्त 2006 तक एप्लीकेशन जमा होनी थीं। लेकिन 21 जनवरी 2007 को लिखित टेस्ट का जो नोटिस दिया गया था, उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि भर्ती में धांधली की शिकायतें मिलने पर पेपर कैंसल किए जा रहे हैं। इसके बाद 20 जुलाई 2008 को पेपर की नई तारीख तय की गई। इसे भी बाद में प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद एलिजिबिलिटी तय करते हुए पदों से 8 गुणा कैंडिटेंड्स को सीधे इंटरव्यू के लिए बुला लिया गया। इसके बाद 2 सितंबर 2008 से लेकर 17 अक्टूबर 2008 तक कैंडिडेट्स के इंटरव्यू लिए गए। डेढ़ साल की देरी के बाद 10 अप्रैल 2010 को भर्ती का परिणाम घोषित किया गया।
याचिकाओं में कहा गया कि 28 दिसंबर 2006 को भर्ती के लिए तय मानदंडों की अनदेखी कर नियुक्तियां की गई। पहले जहां इंटरव्यू के 25 नंबर तय किए गए थे वहीं इसे बाद में बदलकर 30 कर दिया गया। याचिकाओं में कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के बाद इसमें फेरबदल नहीं किया जा सकता। महज चहेतों को नियुक्ति देने के लिए नियुक्ति के मानदंडों में परिवर्तन किया गया। राइट टु इनफॉर्मेशन के तहत मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा गया कि 14 ऐसे कैंडिडेट्स को इंटरव्यू में ज्यादा नंबर दिए गए जिनकी एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन कम होने के चलते उनकी नियुक्ति के आसार कम थे।
हरियाणा में 1983 फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स (पीटीआई) की भर्ती रद्द कर दी गई है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं। जस्टिस ए. जी. मसीह की बैंच ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को निर्देश दिया कि कानून के मुताबिक, 5 महीने में नए सिरे से भर्ती का प्रोसेस शुरू किया जाए।
उल्लेखनीय है कि इस सिलसिले में कुल 68 याचिकाएं दायर हुई थीं। याचिकाओं में कहा गया कि 20 जुलाई 2006 को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने कुल 1983 पीटीआई की भर्ती के लिए एप्लीकेशन मांगी थी, 21 अगस्त 2006 तक एप्लीकेशन जमा होनी थीं। लेकिन 21 जनवरी 2007 को लिखित टेस्ट का जो नोटिस दिया गया था, उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि भर्ती में धांधली की शिकायतें मिलने पर पेपर कैंसल किए जा रहे हैं। इसके बाद 20 जुलाई 2008 को पेपर की नई तारीख तय की गई। इसे भी बाद में प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद एलिजिबिलिटी तय करते हुए पदों से 8 गुणा कैंडिटेंड्स को सीधे इंटरव्यू के लिए बुला लिया गया। इसके बाद 2 सितंबर 2008 से लेकर 17 अक्टूबर 2008 तक कैंडिडेट्स के इंटरव्यू लिए गए। डेढ़ साल की देरी के बाद 10 अप्रैल 2010 को भर्ती का परिणाम घोषित किया गया।
याचिकाओं में कहा गया कि 28 दिसंबर 2006 को भर्ती के लिए तय मानदंडों की अनदेखी कर नियुक्तियां की गई। पहले जहां इंटरव्यू के 25 नंबर तय किए गए थे वहीं इसे बाद में बदलकर 30 कर दिया गया। याचिकाओं में कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के बाद इसमें फेरबदल नहीं किया जा सकता। महज चहेतों को नियुक्ति देने के लिए नियुक्ति के मानदंडों में परिवर्तन किया गया। राइट टु इनफॉर्मेशन के तहत मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा गया कि 14 ऐसे कैंडिडेट्स को इंटरव्यू में ज्यादा नंबर दिए गए जिनकी एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन कम होने के चलते उनकी नियुक्ति के आसार कम थे।
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